Just in a random mood of Hindi poetry. Just reminded of these awesome lines by Dinkar. How truthful they are considering the current chaotic politics in this country!!
जाने दे उसको स्वर्ग धीर
पर फ़िरा हमें गांडीव गदा
लौटा दे अर्जुन भीम वीर
कह दे शंकर से आज करें
वे पृलय नृत्य फ़िर एक बार
सारे भारत में गूंज उठे
हर हर बम का फ़िर महोच्चार।
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